Headlines
Loading...
kalpana chavla का जीवन परिचय  kalpana chavala wikipedia

kalpana chavla का जीवन परिचय kalpana chavala wikipedia

 कल्पना चावला  अंतरीक्ष की उडनपरी कही जानेवाली पहली भारतीय महिला है Kalpana chavla वह महिला है  जिंहोणे अंतरीक्ष पर जानेवाली पहली भारतीय महिला होणे का गौरव प्राप्त कीया तो चलीये जाणते है इनके जीवन के बारे मे विस्तार से ....

जिवन की सुरुआत




कल्पना चावला  का जन्म 17 मार्च 1962 को हरियाणा के करनाल मे हूआ था जो की अब पंजाब का ही हिस्सा है. Kalpana chavla की ओफिसीयल जन्म तिथी 1 जुलाई 1961 को दर्ज कराई गाई थी ताकी उनके स्कूल म दाखिला करते वक्त कोई परेशानी न हो. Kalpana chavla का पूरा नाम कल्पना बनारसीलाल चावला है और उनकी माता का नाम संज्योती है

कल्पना चार भाई बहनों में में सबसे छोटी थी घरपर सब उसे बचपन में मोंटू कहकर बुलाते थे

शिक्षा

कल्पना की सुरुआती पढाई गाव के ही टैगोर निकेतन में हुई जब वह आठवीं क्लास में पहुंचीं तो उन्होंने अपने पिता से इंजिनियर बनने की इच्छा जाहिर की।लेकिन उनके पिता उन्हें  डॉक्टर या टीचर बनाना चाहते थे।

परिजनों का कहना है कि बचपन से ही कल्पना की दिलचस्पी अंतरिक्ष और खगोलीय परिवर्तन में  अधिक थी। वह अकसर अपने पिता से पूछा करती थीं कि ये अंतरिक्षयान आकाश में कैसे उड़ते हैं? क्या मैं भी उड़ सकती हूं? और पिता बनारसी लाल उनकी इस बात को हंसकर टाल दिया करते थे।

कल्पना ने टैगोर स्कूल से पढाई पूर्ण करने के बाद पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज से वैमानिकी इंजीनियरिंग में डिग्री प्राप्त की।साथ ही टेक्सास विश्वविद्यालय से स्नातकोत्तर उपाधि प्राप्त की उन्होंने 1988 में कोलोराडो विश्वविद्यालय से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में डॉक्टरेट की  भी उपाधि प्राप्त की,  । उन्होंने उसी वर्ष नासा के एम्स रिसर्च सेंटर में काम करना शुरू किया, जो पावर-लिफ्ट कम्प्यूटेशनल तरल गतिकी पर काम कर रहा था।

खेल

उन्होंने अपने कॉलेज के दिनों में विबिन्न उपक्रमों में भाग लिया  कराटे सीखा। उन्होंने बैडमिंटन भी खेला और दौड़ों में भाग लिया।

करियर  की सुरुआत 



अपने सपनों की उड़ान भरने के लिए वह 1982 में अमेरिका गईं और यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्सस से एयरोस्पेस इंजिनियरिंग में मास्टर्स डिग्री ली। उनके पास सीप्लेन, मल्टि इंजन एयर प्लेन और ग्लाइडर के लिए कमर्शल पायलट लाइसेंस था। वह ग्लाइडर और एयरप्लेंस के लिए भी सर्टिफाइड फ्लाइट इंस्ट्रक्टर भी थे।

1994 में, चावला को एक अंतरिक्ष यात्री उम्मीदवार के रूप में चुना गया था। एक वर्ष के प्रशिक्षण के बाद, वह अंतरिक्ष यात्री कार्यालय ईवा / रोबोटिक्स और कंप्यूटर शाखाओं के लिए एक क्रू प्रतिनिधि बन गई, जहां उसने रोबोटिक सीटू अवेयरनेस डिस्प्ले और अंतरिक्ष शटल के साथ काम किया

अंतरिक्ष में उड़ान भरने का चावला का पहला मौका नवंबर 1997 में आया था, जो उड़ान एसटीएस -87 में अंतरिक्ष यान कोलंबिया से बाहर आया था । इस शटल ने केवल दो सप्ताह में पृथ्वी की 252 परिक्रमाएं कीं थी । शटल ने अपनी यात्रा पर कई प्रयोग किए और औजारों का अवलोकन किया, जिसमें एक स्पार्टन उपग्रह भी शामिल था, जिसे चावला ने शटल से तैनात किया था। वह उपग्रह, जिसने सूरज की बाहरी परत का अध्ययन किया था , कुछ गलतियों के कारण सॉफ्टवेयर खराब हो गया,जिसके कारन  शटल से दो अन्य अंतरिक्ष यात्रियों को इसे हटाने के लिए एक स्पेसवॉक प्रदर्शन करना पड़ा।

2000 में, चावला को अंतरिक्ष में अपनी दूसरी यात्रा के लिए चुना गया, चावला इस समय एसटीएस -107 पर एक मिशन विशेषज्ञ के रूप में फिर से सेवा कर रही थी। मिशन में कई बार कुछ कारणों की वजह से देरी हुई, लेकिन आखिरकार 2003 इसे में लॉन्च किया गया। और 16-दिवसीय उड़ान के दौरान, चालक दल ने 80 से अधिक प्रयोग पूरे किए थे

अवार्ड (Award) 

कल्पना चावला को उनके कार्यो के लिए कांग्रेशनल स्पेस मेडल ऑफ ऑनर, नासा अंतरिक्ष उड़ान पदक और नासा,विशिष्ट सेवा पदक से पुरस्कृत किया गया

दुर्घटना से कल्पना की मौत?

मिशन पूरा होने के बाद जब कोलंबिया अंतरिक्ष यान कल्पना और उनके 6 साथियों को लेकर वापस धरती पर लौट रहा था, तो उसकी उष्मारोधी परतें फट गईं और यान क्षतिग्रस्त हो गया। देखते ही देखते अंतरिक्ष यान के अवशेष टेक्सस शहर पर बरसने लगे। और कुछ ही छन में खुशनुमा माहौल मातम में बदल गया।

1 फरवरी का वह दिन, इतिहास में आज भी एक 'युग के अंत' के तौर पर दर्ज है, जब Kalpana chavla का निधन हुआ। उड़नपरी ने 41 साल की उम्र में अपनी तीसरी  अंतरिक्ष यात्रा की जो आखिरी साबित हुई। उनके वे शब्द सत्य हो गए जिसमें उन्होंने कहा था कि मैं अंतरिक्ष के लिए ही बनी हूं। मेरा  हर पल अंतरिक्ष के लिए ही बिताया है और इसी के लिए मरूंगी।

कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कोलंबिया अंतरिक्ष यान के उड़ान भरते ही पता चल गया था कि वह सुरक्षित जमीन पर नहीं उतरेगा यानी कल्पना समेत 6 अन्य अंतरिक्ष यात्री काल का ग्रास बन सकते हैं। इसके बावजूद उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई। इस बात का खुलासा मिशन कोलंबिया के प्रोग्राम मैनेजर ने भी किया था।

अंतरिक्ष यान कोलंबिया के दुखद नुकसान ने सात अंतरिक्ष यात्रियों की जान ले ली। उनमें से एक, Kalpana chavla भी सामिल थी , जो अंतरिक्ष में जाने वाली पहली भारतीय महिला थीं।

जन्म

17  मार्च 1962

मृत्यु

1 फरवरी 2003

कार्य

इनजिनीर ,टेक्नोलॉजिस्ट

पिता

बनारसीलाल चावला

माँ

संज्योती चावला

पति

जिन पियारे हेरिसन


इसे भी पढ़े ....
सलमान खान की जीवनी 

संचिप्त विवरण

अंतरिक्ष की पारी कही जानेवाली Kalpana chavla अब हमारे बिच नहीं है किन्तु उनके द्वारा दिए गए योगदान और किये गए कार्यो की छाप अंत तक रहेगी ....

 


0 Comments: